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देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि: आरपीएफ महानिदेशक ने किया ऐतिहासिक नेतृत्व

देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि: आरपीएफ महानिदेशक ने किया ऐतिहासिक नेतृत्व।

हॉट स्प्रिंग्स मेमोरियल पर शौर्य और बलिदान की गाथा को पुलिस दल की सलामी।

मुरादाबाद—

3 सितंबर 2024 की सुबह, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक मनोज यादव के नेतृत्व में 28 सदस्यीय पुलिस अधिकारियों के एक दल ने लद्दाख में स्थित हॉट स्प्रिंग्स मेमोरियल में एकत्र होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दल में विभिन्न राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अधिकारी शामिल हुए। एन. प्रकाश रेड्डी, डीआईजी, तेलंगाना पुलिस इस समूह के उपनेता के रूप में शामिल हुए। आदित्य एस. वारियर, एसपी ने पंजाब पुलिस का प्रतिनिधित्व किया जबकि हरियाणा पुलिस की ओर से एएसआई सचिन मलिक इस दल के सदस्य थे।
इस भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भारतीय सेना, आईटीबीपी और आईटीबीएफ के बहादुर अधिकारी और जवान, जो अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) की इस समय बड़ी सतर्कता के साथ कड़ी निगरानी कर रहे हैं, ने भी पुलिस दल के साथ शहीदों को सलामी दी।
इस श्रद्धांजलि समारोह के दौरान पुलिस दल को 86 वर्षीय सोनम दोरजे से मिलने का सम्मान भी प्राप्त हुआ, जो 21 अक्टूबर 1959 की घटना के दौरान चीनी सैनिकों के सामने डटकर खड़े रहने वाले गश्ती दल के सदस्य थे। उन्हें इस दौरान बंदी बनाया गया था, लेकिन उनकी बहादुरी और साहस आज भी प्रेरणादायक हैं।
यह स्थल, जो समुद्र तल से 15,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, दुर्गम और निर्जन क्षेत्र में भारतीय पुलिस बल के लिए एक पवित्र स्थल है। यह स्मारक 1959 में दस सीआरपीएफ जवानों की शहादत की याद में बना था, जो राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। 1960 से इस स्थल पर हर साल श्रद्धांजलि अर्पित करने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी जारी है। देशभर के पुलिस अधिकारी, सेवारत और सेवानिवृत्त, इस पवित्र स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
इस साल का श्रद्धांजलि कार्यक्रम इसलिए भी विशेष था क्योंकि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक मनोज यादव पहले ऐसे डीजी बने जिन्होंने इस दल का नेतृत्व किया। उनकी उपस्थिति ने भारत की विभिन्न पुलिस बलों के बीच एकता, शक्ति और सद्भाव का प्रतीक स्थापित किया। श्री यादव ने इस यात्रा को 1958 में आरपीएफ की स्थापना से अब तक कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले 1011 बहादुर सैनिकों को समर्पित किया। उन्होंने 1959 के शहीदों की बहादुरी और बलिदान को याद करते हुए कहा कि, उनका साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण हमेशा पुलिस इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज रहेगा।
मनोज यादव की इस कार्यक्रम में भागीदारी पूरे पुलिस समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कार्यक्रम पुलिस बल के अधिकारियों द्वारा देश की सेवा में किए गए बलिदानों की एक मार्मिक याद दिलाता है और कर्तव्य, वीरता और समर्पण की उस अटूट भावना को पुनर्स्थापित करता है जो भारतीय पुलिस समुदाय की पहचान है।

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