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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन हुआ और तेज, 6 किलोमीटर लंबा जाम लगाया

मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है। इनके अलावा पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने आंदोलन देशभर में फैलने की चेतावनी दी है। जारंगे ने कहा कि सरकार कल ही स्पेशल सेशन बुलाए और आरक्षण पर फैसला करे, नहीं तो कल (बुधवार) से जल त्याग दूंगा। राज्य सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

आधा नहीं, पूरा आरक्षण लेंगे
आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने कहा कि आधा नहीं, पूरा आरक्षण लेंगे। कोई भी ताकत आ जाए, महाराष्ट्र के मराठा नहीं रुकेंगे। विधायकों, सांसदों को आरक्षण मिलने तक मुंबई में रहना चाहिए। एकनाथ शिंदे ने कहा कहा कि मराठा समाज बहुत ही शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन करता है, कौन भड़काने का काम कर रहा है, आगजनी कर रहा है इस पर सरकार का ध्यान है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मनोज जारंगे पाटिल को लेटर लिखकर अनशन छोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि आप जिस मांग के लिए अनशन कर रहे हैं, राजनेताओं को उससे कोई लेना-देना है।

6 किलोमीटर लंबा जाम
उधर, प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर 6 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया। इन शहरों में आगजनी की घटनाएं भी हुईं। बीड और माजलगांव के बाद मंगलवार को जालना के पंचायत बॉडी ऑफिस में आग लगा दी गई। आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में भी प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जालना शहर में भी पिछले 12 घंटों में तीन लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की। यहां 13 दिनों से प्रदर्शन जारी है।

आंदोलन क्यों हो रहा है?
पिछले 4 दशक से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने ओबीसी के तहत मराठाओं को 2018 में 16 परसेंट आरक्षण दिया था। इससे राज्य में कुल आरक्षण 50 परसेंट की सीमा को पार कर गया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मई 2021 में मराठा आरक्षण रद्द कर दिया था। इसके बाद मराठा नेताओं ने मांग की कि उनके समुदाय को ‘कुनबी’ जाति के प्रमाणपत्र दिए जाएं। मौजूदा सरकार ने मराठा समुदाय के कुछ लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने का फैसला कर लिया है। मंगलवार को शिंदे सरकार 11 हजार कुनबी सर्टिफिकेट दे सकती है। मुख्यमंत्री शिंदे ने सितंबर में घोषणा की कि कैबिनेट ने मराठवाड़ा के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का संकल्प लिया है। इसके लिए गठित पैनल ने दो महीने का समय मांगा। शिंदे की समय समय सीमा 24 अक्टूबर को पूरी हो गई। जारांगे पाटिल ने 14 अक्टूबर को जालना जिले में एक विशाल रैली में कहा कि 24 अक्टूबर के बाद या तो मेरा अंतिम संस्कार जुलूस होगा या समुदाय की जीत का जश्न होगा। इसके बाद से ही प्रदर्शन शुरू हो गए। आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।

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