1984 सिख दंगा मामले में दबौली के पूर्व पार्षद ने किया सरेंडर, तीन अरेस्ट

1984 सिख दंगा
 
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1984 सिख


हल्ला बोल, कानपुर। एसआईटी ने किदवई नगर सिख दंगा मामले में तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। मामले में वांछित चल रहे एक पूर्व पार्षद ने भी सरेंडर कर दिया है। किदवई नगर हत्याकांड से जुडे तीन वांछित केडीए मार्केट वाई ब्लॉक निवासी 85 वर्षीय राजनलाल पांडेय, विश्व बैंक के 70 वर्षीय दीपक और 70 वर्षीय धीरेंद्र कुमार तिवारी के नाम शामिल हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में चार हत्याकांड में दबौली के पूर्व पार्षद कैलाश पाल का भी नाम था। पूर्व पार्षद ने  एसआईटी के सामने सरेंडर कर दिया।

मारे गए थे 14 सिख
कैलाश पर दबौली में हुए चारों हत्याकांडों में शामिल होने का आरोप है। डीआइजी (सिख विरोधी दंगा) बालेंदु भूषण ने बताया कि, ई ब्लॉक दबौली में हिंसा की चार घटनाएं हुई थीं जिनमें सात, चार, दो और एक सिख की हत्या हुई थी। सभी घटनाओं को मिलाकर 14 सिख मारे गए थे। जांच के दौरान सामने आया कि इन सभी घटनाओं में कांग्रेस नेता कैलाश पाल का हाथ था। उसने ही भीड़ जमा की और लोगों को हत्याओं के लिए उकसाया। बाद में कैलाश पाल तीन बार कांग्रेस की टिकट पर दबौली से पार्षद भी बना। कैलाश को यह जानकारी हो चुकी थी कि आरोपियों में उसका भी नाम है। इसलिए उसने सरेंडर कर दिया।

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